ताजा समाचार

S. Jaishankar का बयान, वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ भारत के संबंधों पर जोर

S. Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ भारत के संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ये देश भारत से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विकास के लिए मदद ले रहे हैं। जयशंकर ने बताया कि कैसे भारत ने इन देशों से समर्थन और विश्वास प्राप्त किया है।

कोविड-19 के समय भारत का योगदान

जयशंकर ने बताया कि वैश्विक दक्षिण के देशों की पहली कोविड-19 वैक्सीन भारत से मिली थी। उन्होंने कहा, “वैश्विक दक्षिण का क्या मतलब है? इसका मतलब है वो देश जो उपनिवेश रहे हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्त की है या जो वर्तमान में विकासशील हैं। ये ज्यादातर निम्न-आय वाले देश हैं। इन देशों का भारत पर उच्च स्तर का विश्वास और अपेक्षा है, और इसके पीछे कई कारण हैं।”

S. Jaishankar का बयान, वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ भारत के संबंधों पर जोर

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “पहला उदाहरण यह है कि वैश्विक दक्षिण के लोग याद करते हैं कि कोविड-19 के दौरान, जब विकसित देश वैक्सीन का भंडार बना रहे थे, कई देशों को अपनी पहली वैक्सीन भारत से मिली। भारत ने न केवल अपने नागरिकों को टीका लगाया बल्कि अन्य देशों की भी मदद की, जिसका वैश्विक स्तर पर गहरा भावनात्मक प्रभाव पड़ा।”

यूक्रेन का उदाहरण

इसके आगे, जयशंकर ने यूक्रेन के संदर्भ में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक मुद्दों पर एक सक्षम आवाज बनने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, “यूक्रेन के संकट में, भारत ने हमेशा एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। हमने मानवीय सहायता प्रदान की है और एक निष्पक्ष समाधान के लिए काम किया है। यह दर्शाता है कि भारत ने इन देशों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित किया है।”

Vizhinjam Port Inauguration: PM मोदी ने किया गौतम अडानी का जिक्र, क्या इससे विपक्ष को होगी कोई प्रतिक्रिया?
Vizhinjam Port Inauguration: PM मोदी ने किया गौतम अडानी का जिक्र, क्या इससे विपक्ष को होगी कोई प्रतिक्रिया?

G-20 बैठक में अफ्रीकी संघ की भूमिका

जयशंकर ने कहा कि G-20 बैठक में अफ्रीकी संघ की सीट के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। “हर बैठक के पहले दिन, अफ्रीकी संघ को बताया जाता था कि चिंता न करें, हम इस बैठक में आपके बारे में सोचेंगे, लेकिन अंत में कुछ नहीं हुआ।” उन्होंने बताया कि अफ्रीकी देशों का विश्वास है कि भारत में करुणा है, भारत की प्रतिष्ठा है और आज भारत में आत्मविश्वास है।

वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका

जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। “भारत ने विकासशील देशों की चिंताओं को उठाया है और उनकी आवाज़ को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने का प्रयास किया है।” उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल अपने विकास के लिए बल्कि अन्य देशों के विकास के लिए भी काम किया है।

वैश्विक सहयोग का महत्व

जयशंकर ने कहा कि वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ सहयोग से भारत को भी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा, “हम सभी को यह समझना होगा कि विकास केवल एक देश का विषय नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है।” भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए कई परियोजनाओं में भाग लिया है, जो अन्य देशों की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं।

विदेश नीति में बदलाव

भारत की विदेश नीति में बदलाव की बात करते हुए, जयशंकर ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी भूमिका को पुनः परिभाषित किया है। “हम एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में उभरे हैं, जो न केवल अपनी भलाई का ध्यान रखती है, बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए भी काम करती है।”

विकासशील देशों के साथ भारत का समर्थन

जयशंकर ने विकासशील देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत ने कई विकासात्मक परियोजनाओं में भाग लिया है और विभिन्न देशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की है।

IPL 2025: प्लेऑफ से बाहर हुई टीम! राजस्थान रॉयल्स की हार के बाद कौन होंगे अगले सीजन से बाहर?
IPL 2025: प्लेऑफ से बाहर हुई टीम! राजस्थान रॉयल्स की हार के बाद कौन होंगे अगले सीजन से बाहर?

जयशंकर का यह बयान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है कि वह वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत इन देशों के साथ एक साझेदार की भूमिका निभा रहा है और उनकी आवश्यकताओं को समझते हुए आगे बढ़ रहा है।

भारत का यह दृष्टिकोण न केवल अपनी भलाई के लिए बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है। आज, भारत वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली आवाज बनकर उभरा है और विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। इस दिशा में और भी प्रयास किए जाएंगे, ताकि भारत और वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच के संबंध और भी मजबूत हो सकें।

Back to top button